
वीरेंद्र चौहान जो वन आरक्षी रामनगर में तैनात हैं। इन्होने क्यारी रामनगर के जंगल में शराब पी रहे कुछ हरियाणा के युवाओं को टोका तो उन लोगों ने वीरेंद्र चौहान की बुरी तरह पिटाई कर दी। लात, घूसे, गाली और बुरी तरह जख्मी कर दिया। ये मारपीट नही है, उन पर जानलेवा हमला हुआ है। बाद में वीरेंद्र चौहान पर समझौते के लिए दबाव भी बनाया। उत्तराखंड के सरकारी कर्मचारी पर मारपीट का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। उत्तराखंड के जल जंगल शराब पीने के लिए बने हैं ?