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यह है “पहाड़ी डाई फ्रूट” जिसे छीउनता भी कहा जाता है।

यह है “पहाड़ी डाई फ्रूट” जिसे छीउनता भी कहा जाता है। यह चीड़ के फल से बीज के रूप मे सारे जुंगलों मे फहल जाते है। इनके साथ यह पंख इन्हें जुंगलों मे दूर दूर तक फहल पर मदद करते है। यह हवा के साथ...

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उत्तराखंड के धारचूला में खेला गांव में एक प्राकृतिक स्विमिंग पूल पहले और अब।

उत्तराखंड के धारचूला में खेला गांव में एक प्राकृतिक स्विमिंग पूल है। यह पहाड़ पर बना एक तालाब है. साल 2021 में, उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने इस तालाब की फ़ोटो ट्विटर पर शेयर की थी, जिसके बाद यह वायरल हो गया था।  इस वजह से...

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20 लाख रुपये किलो तक बिकता है ‘हिमालयन वियाग्रा’ ऐसा क्या खास जो इतना महंगा?

‘हिमालयन वियाग्रा’ को कीड़ा जड़ी या यार्सागुम्बा कहा जाता है। इसे कैटरपिलर फंगस या कॉर्डिसेप्स सिनेंसिस के नाम से भी जाना जाता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी भारी मांग के कारण इसकी कीमत लाखों में है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ और हिमाचल प्रदेश के ऊपरी हिमालयी...

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स्वरोजगार से स्वालम्बन की ओर उत्तराखंड। Uttarakhand from self-employment to self-reliance.

आओ स्वरोजगार अपनाएं आत्मनिर्भर भारत बनाये। झिमार मार्केट सल्ट के श्री रमेश गहत्याड़ी जी द्वारा अम्मू की रसोई के नाम से एक सुंदर रेस्टोरेंट बनाया गया है। दिल्ली से घर वापसी कर अपना स्वरोजगार किया गया है आपको यहाँ पर सभी प्रकार के व्यंजनों का स्वाद...

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हिमालय पर्वत से जुड़ी कुछ दिलचस्प विशेषताएं।

हिमालय एशिया में स्थित एक प्राचीन पर्वत श्रृंखला है। हिमालय को पर्वत राज भी कहते हैं जिसका अर्थ है पर्वतों का राजा।  कालिदास तो हिमालय को पृथ्वी का मानदंड मानते हैं। हिमालय की पर्वतश्रंखलाएँ शिवालिक कहलाती हैं। सदियों से हिमालय की कन्दराओं (गुफाओं) में ऋषि-मुनियों...

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उत्तराखंड के ‘ब्रह्म कमल’ की प्रजातियाँ, विशेषताएं और इतिहास क्या है। ‘Brahma Kamal’ of Uttarakhand.

भारत में Epiphyllum Oxypetalum को भी ‘ब्रह्म कमल’ कहते हैं। उत्तराखंड में इसे कौल पद्म नाम से जानते हैं। उत्तराखंड में ब्रह्म कमल की 24 प्रजातियां मिलती हैं पूरे विश्व में इसकी 210 प्रजातियां पाई जाती है ब्रह्म कमल के खिलने का समय जुलाई से...

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बामणी गांव का अनूठा ‘नंदालोकोत्सव! बद्रीनाथ मंदिर के पास स्थित है। 

नीलकंठ पर्वत से भंवरे के रूप में मायके आती है मां नंदा, भगवान नारायण स्वयं बनते हैं साक्षी।  बामणी गांव बद्रीनाथ मंदिर के पास ही स्थित है यहाँ के निवासी 6 महीने पांडुकेशर और 6 महीने बामणी गांव में निवास करते हैं। समुद्रतल से 10250...

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पहाड़ों मे जाती हुई बारिश का महीना है, फिर भी बारिश जाने का नाम नहीं ले रही।

जाती हुई बारिश का महीना है, फिर भी बारिश जाने का नाम नहीं ले रही। टिन की छत वाले घर में रहता हूं, सुबह के 3:00 बजे हैं , छत से बारिश का मधुर संगीत सुनाई दे रहा है। खुली हुई खिड़की से बाहर देखा,...

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