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उत्तराखंड मे पलायन की मार झेलता पुराने समय का आलीशान मकान।

वक्त के साथ जब मकान पुराना हो जाता है, तो उसकी दरारों में भी वे सभी यादें समा जाती हैं, जो कभी हमारे जीवन का हिस्सा थीं। वो गली, वो आंगन, वो छत – सबकुछ हमारे मन में बसे रहते हैं, जैसे एक जीवित स्मृति...

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उत्तराखंड की बेटी मीनाक्षी बनी सेना में लेफ्टीनेंट। Uttarakhand’s daughter Meenakshi becomes lieutenant in the army.

Uttarakhand's daughter Meenakshi becomes lieutenant in the army.

हल्द्वानी के आवास विकास निवासी मीनाक्षी पांडे सेना में लेफ्टीनेंट बनी। सीडीएस की परीक्षा के बाद चेन्नई में संपन्न हुए पासिंग आउट परेड मे लेफ्टीनेंट पद की उपाधि दी गई।मीनाक्षी के पिता विकास पांडे एमबीपीजी कॉलेज में कार्यरत हैं। जबकि उनकी माता विमला पांडे एक...

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कैसी होती थी 90 के दशक के समय गाँव की शादी समारोह?

कैसी होती थी 90 के दशक के समय गाँव की शादी समारोह? What were village wedding ceremonies like during the 90s? 90 के दशक के समय गाँव की शादी समारोह में न टेंट हाऊस थे और न कैटरिंग, थी तो बस सामाजिकता। गांव में जब...

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बामणी गांव का अनूठा ‘नंदालोकोत्सव! बद्रीनाथ मंदिर के पास स्थित है। 

नीलकंठ पर्वत से भंवरे के रूप में मायके आती है मां नंदा, भगवान नारायण स्वयं बनते हैं साक्षी।  बामणी गांव बद्रीनाथ मंदिर के पास ही स्थित है यहाँ के निवासी 6 महीने पांडुकेशर और 6 महीने बामणी गांव में निवास करते हैं। समुद्रतल से 10250...

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कनातल गांव टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड। Kanatal Village Tehri Garhwal Uttarakhand.

टिहरी-गढ़वाल जिले में स्थित कनातल, एक छोटा सा लेकिन विचित्र गांव है। यहां आपको शानदार हिमालय और घाटी के अद्भुत दृश्य देखने को मिलेंगे। 

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पहाड़ों मे जाती हुई बारिश का महीना है, फिर भी बारिश जाने का नाम नहीं ले रही।

जाती हुई बारिश का महीना है, फिर भी बारिश जाने का नाम नहीं ले रही। टिन की छत वाले घर में रहता हूं, सुबह के 3:00 बजे हैं , छत से बारिश का मधुर संगीत सुनाई दे रहा है। खुली हुई खिड़की से बाहर देखा,...

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उत्तराखंड पहाड़ों में स्वरोजगार को अपनाकर पहाड़ के लोग आत्मनिर्भर बन सकतें हैं।

वाकई ऐसे ही लोगों की जरूर है जो अपने बंजर पड़े खेतों को आबाद कर स्वरोजगार पैदा कर दे। मटकुण्ड गांव,बीरोंखाल पौड़ी गढ़वाल की श्रीमती धनी कांति चंद और उनके पति विजय पाल चंद ऐसे ही मेहनतकश पहाड़ी बागवान हैं जो आज बागवानी के बल...

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20-25 वर्षों से बंजर पड़े खेतों में सेब और कीवी के बाग़ान रोपने वाले विमल नौटियाल।

उत्तराखंड में जैविक खेती एवं स्वरोज़गार के लिए 20-25 वर्षों से बंजर पड़े खेतों में सेब और कीवी के बाग़ान रोपने वाले बड़े भाई विमल नौटियाल जी को आज ‘उत्तराखंड स्तंभ सम्मान’ मिला है।

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इस कुमाऊंनी लोकगायक वह स्टेज मिलन चाहिए था जिसका वह हकदार था। 

भैस पालून गोर पालून  गीत के मशहूर गायक गौरव बिष्ट जिला अल्मोड़ा ग्राम खोलागुनाई के रहने वाले गौरव ने कहा कि कुमाऊंनी लोकगायकों को स्टेज मिलना चाहिए। कक्षा 3 से ही कुमाऊंनी गाने शुरू करने वाले गौरव ने उत्तरायणी कौतिक में मैरी आमा हैरे गै..जैसे...

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