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पहाड़ों में आज के समय में बहुत सारे घर वीरान हो चुके हैं क्योंकि लोग काम धंधे के लिए अपने गांव को छोड़कर शहरों में बस चुके हैं। 

पहाड़ों में आज के समय में बहुत सारे घर वीरान हो चुके हैं क्योंकि लोग काम धंधे के लिए अपने गांव को छोड़कर शहरों में बस चुके हैं।  पहाड़ी इलाकों में रोजगार की थोड़ा कमी होती है, समस्या होती है। हालांकि काम धंधा करने वाले...

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बेतालघाट का दूरस्थ गांव कोटाधरिया जो आज भी मोटर मार्ग से वंचित हैं।

बेतालघाट का दूरस्थ गांव कोटाधरिया जो आज भी मोटर मार्ग से वंचित हैं। हर स्तर तक यहां के ग्रामीण प्रयास कर चुके हैं ये मुख्य सड़क मार्ग से 5 km पैदल है । जबकि यहा की खूबसूरती और जैविक सब्जियां फल के लिए यह गांव...

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पंगोट गाँव नैनीताल, उत्तराखंड, भारत। Pangot Village Nainital, Uttarakhand, India.

पंगोट एक छोटा सा गांव है जो अपने जंगलों और पक्षियों के लिए मशहूर है, यह नैनीताल से सिर्फ़ 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पंगोट में घूमना एक सुदूर हिमालयी गांव में कदम रखने जैसा है। यह पक्षी देखने वालों के लिए स्वर्ग...

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पहाड़ों पर यह सब देख कर भूख लग जाती है। Seeing all this on the mountains makes one hungry.

हर क्षेत्र में खाना बनाने का तरीका अलग अलग है मसाले भी अलग अलग होते हैं और तड़के भी अलग तरीके से लगाए जाते है।  तुम्हारे शहर मे चाट के नाम पर आलू कि टिक्की मिलती होगी मगर उत्तराखण्ड मे बहुत सस्ती इस चाट के...

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क्यों उत्तराखंड के इन हजारों गांवों को भूतिया घोषित कर दिया गया है। Why these thousands of villages of Uttarakhand have been declared Bhutia.

क्या आप जानते हैं कि उत्तराखंड में हजारों गांव ऐसे हैं जहां कोई भी नहीं रहता ये गांव भूतिया घोषित हो चुके हैं।कभी इन गांवों में भी रौनक हुआ करती थी वो रौनक कब लौटेगी किसी को नहीं पता।

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सप्तपर्णी के फूलों की गंध जो आधी रात में वातावरण को महका देती है।

आधी रात के बाद हल्की ठंड लिए हवाओं के परों पर गुलाबी गंध जब मुझसे लिपटने लगी तो आभास हुआ कि पास में ही यक्षिणी का वृक्ष फूला होगा। यह मादक गंध घर की बगिया में लगे सप्तपर्णी के फूलों से आ रही थी। कहते...

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