Home » Culture » पहाड़ को आज भी ऐसे ही लोग जिंदा कर सकते हैं जो अपने बंजर पड़े खेतों को आबाद कर स्वरोजगार पैदा कर रहे हैं।

पहाड़ को आज भी ऐसे ही लोग जिंदा कर सकते हैं जो अपने बंजर पड़े खेतों को आबाद कर स्वरोजगार पैदा कर रहे हैं।

पहाड़ को आज भी ऐसे ही लोग जिंदा कर सकते हैं जो अपने बंजर पड़े खेतों को आबाद कर स्वरोजगार पैदा कर रहे हैं।
मटकुण्ड गांव,बीरोंखाल पौड़ी गढ़वाल की श्रीमती धनी कांति चंद और उनके पति विजय पाल चंद ऐसे ही मेहनतकश पहाड़ी बागवान हैं जो आज बागवानी के बल पर आत्मनिर्भर हैं।

Related posts:

काश कि इन गाड़ियों की छतों में हल्द्वानी से सेब और आम की पेटियां भी इसी तरह वापस आती तो कितना अच्छा ...

Culture

Gwad Village near Khirsu, Pauri Garhwal

Culture

मुनस्यारी उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में लगभग 2200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक अनोखा हिल-स्टेशन है।

Uttarakhand Tourism

पहाड़ी जिंदगी प्रकृति से जुड़ी, सादगी पूर्ण और संघर्ष पूर्ण होती है।

Culture

जलेबी सिर्फ मिठाई नहीं आयुर्वेदिक दवाई भी है।

Culture

बासा होमस्टे खिरसू पौड़ी गढ़वाल। Basa Homestay Khirsu Pauri Garhwal Uttarakhand.

Uttarakhand Tourism

"स्वाला" भूतों वाला गांव उत्तराखंड के चंपावत जिले में इसे भूतिया गांव के नाम से जाना जाता है।

Champawat

2 नाली बंजर भूमि में सेब की खेती बम्पर पैदावार की, विनोद ढौंडियाल सोबरा गांव निवासी राठ ब्लॉक थलीसैं...

Our Village

बंद पड़े ताले 🔐 , आँगन में उगती घास 🍀, वीरान होते पहाड़।

Culture
यह भी पढ़िये :-  पौड़ी गढ़वाल में सतपुली से पौड़ी मार्ग पर ज्वालपा देवी मंदिर के पास मुस्लिम खादिम ने रातों-रात वन भूमि में अवैध कब्जा करके मजार बना दी।

About

नमस्कार दोस्तों ! 🙏 में अजय गौड़ 🙋 (ऐड्मिन मेरुमुलुक.कॉम) आपका हार्दिक स्वागत 🙏 करता हूँ हमारे इस अनलाइन पहाड़ी 🗻पोर्टल💻पर। इस वेब पोर्टल को बनाने का मुख्य उद्देश्य 🧏🏼‍♀️ अपने गढ़ समाज को एक साथ जोड़ना 🫶🏽 तथा सभी गढ़ वासियों चाहे वह उत्तराखंड 🏔 मे रह रहा हो या परदेस 🌉 मे रह रहा हो सभी के विचारों और प्रश्नों/उत्तरों 🌀को एक दूसरे तक पहुचना 📶 और अपने गढ़वाली और कुमाऊनी संस्कृति 🕉 को बढ़ाना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*
*