
गाँव के मुहाने वाला घर जहा सब मिल दातुली मे धार लगाते थे। इसी बहाने चार उनकी सुन लेते चार लगे हाथ अपनी कह देते।
Related posts:
पहले गांव के लोग गरीब थे तब तांबा पीतल के बर्तन में खाना बनाते थे।
Culture
अपना पहाड़ी कल्चर और रीती रिवाज दगड़ियों किस-किस को पसंद आता है
Culture
शानदार ग्राम पंचायत सुतोल जो की चमोली में है ये दृश्य अपने आप में मनमोहक है।
Culture
पत्तों से बनी पतरी(पत्तल )और मिट्टी से बने भुरका (कुल्हड़) में विवाह इत्यादि सभी कार्यक्रम में अतिथि...
Culture
भ्यूंडार घाटी का नंदाष्टमी पर्व। फुलारी, ब्रहमकमल, दांकुडी और नंदा के जैकारों से जागृत हो उठता है मा...
Dharmik
ब्रह्मकमल पुष्प, छिपला केदार, मुनस्यारी। ब्रह्म कमल उत्तराखंड का राज्य पुष्प है।
Culture
बद्री दत्त बमोला, जिन्हें बद्री महाराज के नाम से जाना जाता था, फिजी में विधान परिषद के पहले भारतीय स...
Culture
ये हैं विनोद घिल्डियाल से जिन्होंने उत्तराखंड में पशुओं के लिए हरा चारा उगाने पर काम किया और सफल भी...
Culture
काश कि इन गाड़ियों की छतों में हल्द्वानी से सेब और आम की पेटियां भी इसी तरह वापस आती तो कितना अच्छा ...
Culture