Home » Culture » देवप्रयाग जहां श्री राम जी ने ब्रह्म हत्या के दोष निवारणार्थ अलकनन्दा भागीरथी के संगम पर तपस्या की थी। 

देवप्रयाग जहां श्री राम जी ने ब्रह्म हत्या के दोष निवारणार्थ अलकनन्दा भागीरथी के संगम पर तपस्या की थी। 

devprayag me shri ram luxman aur sita ji ne tapasya ki thi

त्रेता युग में रावण, कुम्भकरण का वध करने के पश्चात कुछ वर्ष अयोध्या में राज्य करके राम ब्रह्म हत्या के दोष निवारणार्थ सीता जी, लक्ष्मण जी सहित देवप्रयाग में अलकनन्दा भागीरथी के संगम पर तपस्या करने आये थे। इस संबध में केदारखण्ड में लिखा है कि:-

यत्र ने जान्हवीं साक्षादल कनदा समन्विता।
यत्र सम: स्वयं साक्षात्स सीतश्च सलक्ष्मण।।
सममनेन तीर्थेन भूतो न भविष्यति।

जहां गंगा जी का अलकनन्दा से संगम हुआ है और सीता-लक्ष्मण सहित श्री रामचन्द्र जी निवास करते हैं। देवप्रयाग के उस तीर्थ के समान न तो कोई तीर्थ हुआ और न होगा।

पुनर्देवप्रयागे यत्रास्ते देव भूसुर:।
आहयो भगवान विष्णु राम-रूपतामक: स्वयम्।।

केदारखण्ड ;अध्याय १५८-५४-५५ में भी दशरथात्मज रामचन्द्र जी का लक्ष्मण सहित देवप्रयाग आने का उल्लेख है। अध्याय १६२-५० में भी रामचन्द्र जी के देवप्रयाग आने और विश्वेश्वर लिंग की स्थापना करने का उल्लेख है।

यह भी पढ़िये :-  Savan Ke Mahine mein Satpuli- Pauri Garhwal-Uttarakhand ka adbhud 👌 nazara.

 

राम भूत्वा महाभाग गतो देवप्रयागके।
विश्वेश्वरे शिवे स्थाप्य पूजियित्वा यथाविधि।।

Related posts:

मिट्टी के घर उत्तराखंड के पौराणिक संस्कृति का हिस्सा है। Mud houses are part of the ancient culture ...

Culture

ग्राम ग्वाड मल्ला एकेश्वर पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड। Village Gauda Malla Ekeshwar Garhwali, Uttarakhan...

Our Village

पौड़ी गढ़वाल में सतपुली से पौड़ी मार्ग पर ज्वालपा देवी मंदिर के पास मुस्लिम खादिम ने रातों-रात वन भू...

Uttarakhand Latest

Uttarakhand me Chalta Firta Jungle - उत्तराखंड में चलता फिरता जंगल।

Culture

डिगोली गांव, पौडी गढ़वाल, उत्तराखंड। Digoli Village Pauri Garhwal Uttarakhand.

Our Village

पहाड़ (उत्तराखंड) की नारी सब पर भारी। The women of the mountains (Uttarakhand) are superior to everyo...

Culture

असूज के महीने की गर्मी मैं पहाड़ी ककड़ी खाने का मन किस किस का हो रहा है।

Culture

Green Road "हरी सड़क उत्तराखंड की" यह तकनीक उत्तराखंड से बाहर नहीं जानी चाहिये ।

Pauri

क्या है भोजन विधि का वैज्ञानिक रहस्य?

Culture

About

नमस्कार दोस्तों ! 🙏 में अजय गौड़ 🙋 (ऐड्मिन मेरुमुलुक.कॉम) आपका हार्दिक स्वागत 🙏 करता हूँ हमारे इस अनलाइन पहाड़ी 🗻पोर्टल💻पर। इस वेब पोर्टल को बनाने का मुख्य उद्देश्य 🧏🏼‍♀️ अपने गढ़ समाज को एक साथ जोड़ना 🫶🏽 तथा सभी गढ़ वासियों चाहे वह उत्तराखंड 🏔 मे रह रहा हो या परदेस 🌉 मे रह रहा हो सभी के विचारों और प्रश्नों/उत्तरों 🌀को एक दूसरे तक पहुचना 📶 और अपने गढ़वाली और कुमाऊनी संस्कृति 🕉 को बढ़ाना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*
*