Home » Culture » यह 1868 की यमुनोत्री घाटी के ग्रामीणों की सबसे पुरानी तस्वीरों में से एक है।

यह 1868 की यमुनोत्री घाटी के ग्रामीणों की सबसे पुरानी तस्वीरों में से एक है।

1868: यह यमुनोत्री घाटी के ग्रामीणों की सबसे पुरानी तस्वीरों में से एक है। 1868 में देहरादून में खींची गई इस तस्वीर में दो ग्रामीण अपने पारंपरिक कपड़ों में दिखाई दे रहे हैं। वे खेतों में काम करते थे। यह तस्वीर पीपुल ऑफ इंडिया पुस्तक में छपी थी।

Related posts:

सुनो! मैं केदारनाथ बोल रहा हूं।

Culture

फूलों की घाटी, उत्तराखंड, एक अद्भुत राष्ट्रीय उद्यान। Valley of Flowers, Uttarakhand, a wonderful na...

Culture

आखिर क्या मजबूरी रही होगी इतना अच्छा मकान और उसपे दुकान फिर भी इसको छोड़कर शहरों में पलायन करके चले ग...

Culture

निराशवादियों को इस टमाटर के पौधे से कुछ सीख लेनी चाहिए।

Culture

बूंदी लड्डू जैसा दिख रहा है यह फल भारत के भी कई राज्यों में पाया जाता है क्या आपको इसका नाम पता है।

Culture

बेडू तो पकता नही 12 महीने फिर बेडू पाको बारमाशा क्यों?

Culture

उत्तराखंड की शादीयों में "अरसे" बनाने की रस्म जरूरी है।

Culture

ये हैं पौड़ी गढ़वाल के चौंदकोट क्वीई गाँव की नूतन पंत पहाड़ों में मशरुम उत्पादन, सब्जी उत्पादन, आदि ...

Culture

कुमाऊँ में दीपावली पर ऐपण डालने की परम्परा। Tradition of applying Aipan on Diwali in Kumaon.

Kumaon
यह भी पढ़िये :-  पंत भोजनालय कोसनी - यहाँ आपको प्यार और आदर्श को मिलावट करके खाना दिया जाता है।

About

नमस्कार दोस्तों ! 🙏 में अजय गौड़ 🙋 (ऐड्मिन मेरुमुलुक.कॉम) आपका हार्दिक स्वागत 🙏 करता हूँ हमारे इस अनलाइन पहाड़ी 🗻पोर्टल💻पर। इस वेब पोर्टल को बनाने का मुख्य उद्देश्य 🧏🏼‍♀️ अपने गढ़ समाज को एक साथ जोड़ना 🫶🏽 तथा सभी गढ़ वासियों चाहे वह उत्तराखंड 🏔 मे रह रहा हो या परदेस 🌉 मे रह रहा हो सभी के विचारों और प्रश्नों/उत्तरों 🌀को एक दूसरे तक पहुचना 📶 और अपने गढ़वाली और कुमाऊनी संस्कृति 🕉 को बढ़ाना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*
*